बच्चे की बचपन और मां का त्याग और बदलता समय ।children childhood and mother,s sacrifice and changing time.
बच्चे की बचपन कांच की तरह होता है । अगर बच्चों को प्यार में नही पालते हैं तो वह टूट जाता है । बच्चे का भविष्य उसके बचपन में ही तय हो जाता है । बच्चे का अनुशासन , बच्चे का संस्कार , बच्चे की शिक्षा , बच्चे की इर्द-गिर्द की समाज से ही उसका विकास होता है । उसमें भी वैसे ही बुद्धू समाहित होती है । इसलिए इतने अच्छे संस्कार और विकास एक माता-पिता के आलावा कोई नहीं संजोग सकता ।
बच्चे की बचपन बहुत ही यादगार होता है । बचपन में हर कोई गलती करता है । हर कोई ना समझ होता है । यह सब देख कर अभिवावक अच्छे बातें सिखाते है । और वही गलती बच्चे बड़े होकर सुनते है तो खुद भी हंसते हैं कि हम कैसे थे । और क्या-क्या किए थे , हमारे लिए क्या-क्या हुआ था ।
एक माँ अपने बच्चों को अपनी गर्भ में 9 महीने रखकर कितनी तकलीफ उठाती है , इसके अलावा कोई नहीं इस दुख को व्यक्त कर सकता । और अपने बच्चे कितने अच्छे सपने संजोते हैं , और अपने बच्चे के लिए हर कदम उठाती है । ताकि उसे अच्छा और महान बुद्धि हो सके और अपनी जिंदगी बेहतर जी सके । और इसी भविष्य को लेकर उसके बचपन में कितना ख्याल करती है । और कितना दुख सहती है , और सुख-नींद, चैन सब त्याग देती है । ताकि बच्चे को कोई तकलीफ ना हो और इसका विकास अच्छा हो ।
और ये एक मां नहीं करती , ये दुनिया की सब मां करती है । क्योंकि एक मां अपने बच्चे से जितना प्यार करती है , उतना प्यार दुनिया के किसी कोने में नहीं मिलता ।
मां शब्द एक ऐसा सब जिसको सुनकर या बोलकर एक प्रकार की खुशी मिलती है । ताकत मिलती है और माँ से हमेशा बचपन की प्यार का ही एहसास होता है ।
हर एक मां के उसके बच्चे हमेशा नादान ही होते हैं , बच्चे ही होते हैं ।
एक माह जो आपके लिए दुनिया में सब कुछ
करती है ।
दोस्तो आप पढ़ रहे है hellodhiraj.in
आपको यहां पर मिलता है सबसे बेहतर जानकारी । बेहतरीन तरीको से जो आपको हमेशा याद रहेगा । और आपके पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षा में यहां से बहुत सारी जानकारियां मिलेगी ।
आप मेरे facebook page और youtube पर आ सकते है ।
facebook - www.facebook.com/dhirajkumarraj43
youtube - www.youtube.com/dhirajisagreatthought
आपका धन्यवाद ••••
बच्चे की बचपन कांच की तरह होता है । अगर बच्चों को प्यार में नही पालते हैं तो वह टूट जाता है । बच्चे का भविष्य उसके बचपन में ही तय हो जाता है । बच्चे का अनुशासन , बच्चे का संस्कार , बच्चे की शिक्षा , बच्चे की इर्द-गिर्द की समाज से ही उसका विकास होता है । उसमें भी वैसे ही बुद्धू समाहित होती है । इसलिए इतने अच्छे संस्कार और विकास एक माता-पिता के आलावा कोई नहीं संजोग सकता ।
बच्चे की बचपन बहुत ही यादगार होता है । बचपन में हर कोई गलती करता है । हर कोई ना समझ होता है । यह सब देख कर अभिवावक अच्छे बातें सिखाते है । और वही गलती बच्चे बड़े होकर सुनते है तो खुद भी हंसते हैं कि हम कैसे थे । और क्या-क्या किए थे , हमारे लिए क्या-क्या हुआ था ।
एक माँ अपने बच्चों को अपनी गर्भ में 9 महीने रखकर कितनी तकलीफ उठाती है , इसके अलावा कोई नहीं इस दुख को व्यक्त कर सकता । और अपने बच्चे कितने अच्छे सपने संजोते हैं , और अपने बच्चे के लिए हर कदम उठाती है । ताकि उसे अच्छा और महान बुद्धि हो सके और अपनी जिंदगी बेहतर जी सके । और इसी भविष्य को लेकर उसके बचपन में कितना ख्याल करती है । और कितना दुख सहती है , और सुख-नींद, चैन सब त्याग देती है । ताकि बच्चे को कोई तकलीफ ना हो और इसका विकास अच्छा हो ।
और ये एक मां नहीं करती , ये दुनिया की सब मां करती है । क्योंकि एक मां अपने बच्चे से जितना प्यार करती है , उतना प्यार दुनिया के किसी कोने में नहीं मिलता ।
मां शब्द एक ऐसा सब जिसको सुनकर या बोलकर एक प्रकार की खुशी मिलती है । ताकत मिलती है और माँ से हमेशा बचपन की प्यार का ही एहसास होता है ।
हर एक मां के उसके बच्चे हमेशा नादान ही होते हैं , बच्चे ही होते हैं ।
एक माह जो आपके लिए दुनिया में सब कुछ
करती है ।
दोस्तो आप पढ़ रहे है hellodhiraj.in
आपको यहां पर मिलता है सबसे बेहतर जानकारी । बेहतरीन तरीको से जो आपको हमेशा याद रहेगा । और आपके पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षा में यहां से बहुत सारी जानकारियां मिलेगी ।
आप मेरे facebook page और youtube पर आ सकते है ।
facebook - www.facebook.com/dhirajkumarraj43
youtube - www.youtube.com/dhirajisagreatthought
आपका धन्यवाद ••••