अर्जुन की मृत्यु उसके पुत्र बभ्रु वाहन द्वारा कैसे हुआ? Arjun ki mrityu uske putra babhruvahan dwara kaise hua?
युधिष्ठिर भिष्म आदि गुरुजनों की मृत्यु से दुःखित रहते थे। श्री कृष्ण ने उन्हें अश्वमेघ यज्ञ करने को कहा इधर उतरा के गर्भ से परीझित का जन्म मृत्यु के जैसे हुआ। ऐसे बालक को देख कुंती, द्रौपदी और सुभद्रा विलाप करने लगी।
श्री कृष्ण ने जल लेकर आचमन कीया और अपने योग बल से उस बालक में प्राण संचार कर दीया। सभी हर्षित हो उठें। वेदव्यास द्वारा शुभ मुहूर्त में संपन्न हुआ। श्याम कर्ण घोड़े को छोड़ा गया। घोड़े की रक्षा ले लिए अर्जुन ऊनी सेना लेकर उसके पीछे चले। सभी राजाओं को जीतते हुए मणिपुर पहुंचे। यहां उलपी द्वारा उत्पन्न अर्जुन पुत्र बभ्रु वाहन ने घोर युद्ध कर अर्जुन को मार डाला।
उलपी द्वारा निंदा करने पर बभ्रु वाहन ने माता द्वारा लाई मनी से पुनः अर्जुन को जीवित कर उनसे क्षमा मांगी। फिर बाकी सभी राजाओं पर विजय प्राप्त कर वापस हस्तिनापुर पहुंचे। उनके पहुचते ही यज्ञ का सभी कार्य पूर्ण हुआ।