मद्रराज शाल्य और सकुनी का वध कैसे हुआ? Madraraj saal aur shakuni ka vadh kaise hua?
कौरवो ने अश्वत्थामा के परामर्श से शाल्व को प्रधान सेनापति बनाया। शल्य ने पूरी सेना ले युद्ध में आ डटे। दोनों तरफ अब थोड़ी थोड़ी ही सेना बची थी। दोनों सेनाओं में भयंकर युद्ध छिड़ गया।
युधिष्ठिर ने शल्य का वध डाला। सहदेव ने शकुनि का वध कर उसके शरीर के टुकडे टुकडे कर डाला। यह देख कौरव सेना भागने लगी। भागती सेना को दुर्योधन पुनः रोककर युद्ध करने को भेजा। अब कोई प्रधान योद्धा भी दुर्योधन के पक्ष में नहीं बचा था। घायल दुर्योधन भय से अपनी गद्दा लेकर पैदल पूर्व दिशा में भाग गया।