महाभारत युद्ध के समय कुंति ने कर्ण से क्या कहा? Mahabharat yudh ke samay kunti ne karn se kya kaha?
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महाभारत युद्ध के समय कुंति ने कर्ण से क्या कहा? Mahabharat yudh ke samay kunti ne karn se kya kaha? |
जब से कुंती को मालूम हुआ था कर्ण और अर्जुन एक दूसरे के कट्टर शत्रु है। तब से वह हमेशा बेचैन रहा करती थी। एक दिन सुनसान में कर्ण को अकेले देख वह कर्ण के पास जा खड़ी हुई।
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महाभारत युद्ध के समय कुंति ने कर्ण से क्या कहा? Mahabharat yudh ke samay kunti ne karn se kya kaha? |
कर्ण ने उन्हें देखते ही प्रणाम किया और आने का कारण पूछा। कुंती ने कर्ण को सभी बातें विस्तार से बताइ कि तुम सुल पुत्र नहीं बल्कि पांडवों के बड़े भाई हो। मेरे द्वारा उत्पन्न पुत्र हो इसलिए तुम्हें अपने भाइयों का साथ देना चाहिए।
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महाभारत युद्ध के समय कुंति ने कर्ण से क्या कहा? Mahabharat yudh ke samay kunti ne karn se kya kaha? |
कर्ण ने कहा मां तुमने बहुत देर कर दी मैं करवों का नमक खा चुका हूं। उन्होंने मुझे राजा बनाया अब मैं उनसे पीछे नहीं हटूंगा। मुझे क्षमा कर देना। मैं एक आश्वासन देता हूं कि युद्ध में अर्जुन को छोड़कर कोई भी मेरे सामने आ जाएगा उसका वध नहीं करूंगा। तुम्हारे पांच पुत्र हर हाल में रहेंगे। अर्जुन रहे या अर्जुन के नहीं रहने पर मैं रहूंगा। कुंती कर्ण को आशीर्वाद दे चली गई।