पांडवो को बारह वर्ष बनवास और तेरहवे वर्ष अज्ञातवास क्यों करना पड़ा? Pandav ko barah varsh aur terahaven varsh agyatavas kyon karna pada?
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पांडवो को बारह वर्ष बनवास और तेरहवे वर्ष अज्ञातवास क्यों करना पड़ा? Pandav ko barah varsh aur terahaven varsh agyatavas kyon karna pada? |
युधिष्टिर और दुर्योधन के बीच हुए जुआ की चाल में युधिष्टिर सब कुछ हार गए। हारने के बाद पांडवों के इंद्रप्रस्थ चले जाने के पश्चात दुर्योधन शकुनि कर्ण सभी धृतराष्ट्र के पास जाकर उन्हें उल्टा सीधा समझाने लगे। उनलोगों ने कहा कि पांडव सभी धमकी देकर गए हैं। अतः हो सकता है कि वे लोग सेना लेकर यहां आ जाए। अतः उन्हें इस शर्त पर जुआ खेलने के लिए बुलवाया जाए, कि जो हारेगा वो सभी भाई पत्नी समेत बारह वर्ष वन में व्यतीत करेगा तथा तेरहवें वर्ष अज्ञातवास करेगा। अज्ञातवास में पता चले जाने पर फिर वे बारह वर्ष बनवास और एक वर्ष अज्ञातवास रहना पड़ेगा। दुर्योधन के कुचक में फंसकर धृतराष्ट्र ने फिर पांडवों को जुआ खेलने के लिए बुलवा लिया।
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पांडवो को बारह वर्ष बनवास और तेरहवे वर्ष अज्ञातवास क्यों करना पड़ा? Pandav ko barah varsh aur terahaven varsh agyatavas kyon karna pada? |
पांडवों को आने पर कौरव के तरफ से फिर शकुनि ही खेलने लगा। खेलने से पहले ही जुए की शर्त को बता दिया गया। इस बार भी फिर शकुनि ही जीत गया। पांडवो ने सब कुछ हार कर वन जाने की तैयारी करने लगे।