शिशुपाल की मृत्यु किसके हाथों लिखी थी? Shishupal ki mritu kiske haatho likhi thhi?
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शिशुपाल की मृत्यु किसके हाथों लिखी थी? Shishupal ki mritu kiske haatho likhi thhi? |
श्री कृष्ण ने कहा शिशुपाल जब जन्म लिया था उस समय इसकी तीन आंखें तथा चार भुजा थी और जन्म लेते वक्त इसने गधे के स्वर में चिल्लाना शुरु किया था। सब लोग घबरा गए थे। तभी आकाशवाणी हुई कि तुम्हारा पुत्र बहुत भाग्यशाली है। जिसके मिलने से इसका एक आंख तथा दो भुजा गिर जाए उसके हाथ से ही इसकी मृत्यु होगी।
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शिशुपाल की मृत्यु किसके हाथों लिखी थी? Shishupal ki mritu kiske haatho likhi thhi? |
उसके बाद सभी राजा महाराजा इसे देखने को आने लगे। मैं भी बलराम के साथ इसे देखने पहुंचा। उसकी माता सभी देखने वालों की गोद में इसे डाल देती थी। अचानक मेरा सामना होते ही इसकी एक आंख तथा दो भुजा गिर गई। यह देख इसकी माँ ने मुझसे इसके जीवन दान देने का वचन माँगा। उसी समय मैंने इसकी माँ को 101 अपराध क्षमा कर देना वचन दिया था। और अब इसका एक सौ एक अपराध इसका पूरा हो चुका है। तभी शिशुपाल फिर श्री कृष्ण को गालियां देने लगा। श्री कृष्ण ने झट अपना चक्र शिशुपाल की ओर छोड़ दीया। शिशुपाल का सर कटकर पृथ्वी पर गिर पड़ा तथा उसकी ज्योति निकल श्री कृष्ण में लीन हो गई। युधिष्ठिर का यज्ञ सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
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शिशुपाल की मृत्यु किसके हाथों लिखी थी? Shishupal ki mritu kiske haatho likhi thhi? |